अखिल भारतीय रंगवा सुधार समिति द्वारा अब तक किया गया कार्य –

        अखिल भारतीय रंगवा सुधार समिति द्वारा अपने प्रथम निर्धारित लक्ष्य उत्तर प्रदेश में रंगवा जाति को पिछड़ा वर्ग मे शामिल कराने के पश्चात वर्ष 2016 में पुनः दो लक्ष्य निर्धारित किए गए।

1- रंगवा  जाति का राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत संगठन बनाना।

2- रंगवा जाति का राष्ट्रीय स्तर पर पहचान कराना।

       प्रथम लक्ष्य को हम लोग लगभग प्राप्त कर लिए हैं। आज उत्तर प्रदेश के बलिया, आजमगढ़, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बिहार के सिवान, गोपालगंज कोलकत्ता, दिल्ली, राजस्थान के उदयपुर, भिलवाड़ा, पंजाब के लुधियाना, झारखंड के टाटा नगर, महाराष्ट्र के नागपुर और मुंबई आदि स्थानो में समिति की शाखाओं का गठन हो चुका है। भारत के बाहर भी नेपाल के दो गांवो परसा और पीपरहवा में अखिल भारतीय रंगवा सुधार समिति की शाखाओं का गठन हो चुका है।

दूसरे लक्ष्य की प्राप्ति हेतु भी हम लोग अभी तक निम्नांकित कार्य किए हैं-

1- दिनांक 20.08.2016 – बांसडीह, बलिया मे रंगवा जाति का राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन।

2- दिनांक 02.10.2016- दिल्ली मे रंगवा जाति का सम्मेलन।

3- दिनांक 22.10.2016 कम्हरिया बुजुर्ग, महाराजगंज मे जनपद महाराजगंज एवं सिद्धार्थ नगर का संयुक्त जिला स्तरीय सम्मेलन।

4- दिनांक 10.11.2016- शिवपुर, हावड़ा मे मीटिंग।

5- दिनांक 12.02 2017- उदयपुर मे जिला स्तरीय सम्मेलन (इस अधिवेशन मे भिलवाड़ा से भी सदस्य आए थे और वहां के भी समिति का भी गठन किया गया)।

6- दिनांक 19.03.2017 लुधियाना पंजाब में सम्मेलन।

7- दिनांक 09.04 2017- चक सराय बदली, देवरिया में देवरिया एंव कुशीनगर का संयुक्त जिला स्तरीय सम्मेलन

8- दिनांक 28.10.2017- मंसाछापर, कुशीनगर में सम्मेलन।

9- दिनांक 04.11.2017- नागपुर में महाराष्ट्र में मीटिंग।

10- दिनांक 12.11.2017- टाटानगर, जमशेदपुर सम्मेलन।

11- दिनांक 24.07.2018 मुम्बई महाराष्ट्र मे शाखा के गठन हेतु मीटिंग।

12- बलिया के 2016 ददरी मेला में समिति के तरफ से रंगवा जाति के प्रचार-प्रसार हेतु एक कैंप लगाया गया था और एक माह तक मेला क्षेत्र में रंगवा जाति के प्रचार-प्रसार हेतु तीन बैनर लगाए गए थे। इस मेले में उत्तर प्रदेश ही नही  संपूर्ण भारत वर्ष से लोग आते हैं।

13- नए साल 01.01 2017 को एवं छठ पूजा के अवसर पर समिति की विभिन्न शाखाओं द्वारा विभिन्न स्थानों पर रंगवा जाति के प्रचार प्रसार हेतु बैनर लगाया गया था) उसमें दिल्ली मुख्य था।

14- समिति द्वारा सोशल मीडिया (फेसबुक एवं व्हाट्सएप्प) पर रंगवा टाईटल लिखने और बोलने की अपील किया गया, जिसे रंगवा जाति के युवाओं और युवतियों द्वारा खुब समर्थन मिल रहा है। इसका परिणाम है आज फेसबुक व्हाट्सएप पर लगभग 1000 से अधिक युवक, युवतियां अपने नाम के साथ रंगवा टाईटल लिखे हुए हैं। इसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

15- शैक्षणिक सत्र वर्ष 2017-18 से स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों के नाम के साथ रंगवा टाईटल लिखने की अपील भी समिति द्वारा किया गया था। इसका भी लोग भरपूर समर्थन कर रहे हैं और अभिभावक 2017-18 से अपने बच्चों के नाम के साथ रंगवा टाइटल स्कूलों में लिखवा रहे हैं। इसका असर ये होगा कि, ये बच्चें जब बड़े होंगे तो अपनी जाति नहीं छुपाएंगे क्योंकि इनके नाम के साथ रंगवा टाईटल लगा रहेगा।

       आप लोगों के पिछले कुछ सालों के प्रयासों का ही परिणाम है कि, एक अंतर्राष्ट्रीय वेबसाइट फोरबियर्स, जो ब्रिटेन का है, ने रंगवा टाइटल को विश्व में 791766 वां रैंक देकर मान्यता दिया है। एक विदेशी संस्था द्वारा रंगवा टाईटल को रैंकिंग देकर मान्यता देना बहुत बड़ी बात है। इसके लिए आप सबको बधाई!

       इसी तरह अभियान चलता रहा तो बहुत जल्द रंगवा जाति का पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हो जाएगा।